यूपी सहायक बोरिंग तकनीशियन वेतन 2022 व वेतनमान जानें

उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) ने विज्ञापन 06-परीक्षा / 2019 के माध्यम से लघु सिंचाई विभाग के लिए सहायक बोरिंग तकनीशियन (एबीटी) के 468 पदों के लिए विज्ञापन दिया था। यदि आप जानना चाहते हैं कि सहायक बोरिंग तकनीशियन पदों के लिए वेतनमान के अनुसार प्रारंभिक कुल वेतन व नकद वेतन क्या होगा, तो यहाँ आप इस विषय पर विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
यूपीएसएसएससी ने 468 सहायक बोरिंग तकनीशियन पदों के लिए विज्ञापन नं. 06-परीक्षा/2019 जारी किया था जिसके लिए फॉर्म 14 अगस्त 2019 से 04 सितंबर 2019 तक भरे गए थे। इस भर्ती में उम्मीदवारों का चयन 120 अंकों की लिखित परीक्षा के माध्यम से किया जाना है जिसमें 120 प्रश्न 1 घंटे 30 मिनट की अवधि के होते हैं। 

यूपी सहायक बोरिंग तकनीशियन वेतन 2022 (कुल और नकद) वेतनमान जानें

जो चयनित हो जाता है, उन्हें यूपी पे मैट्रिक्स के स्तर 2 (5200-20200 प्लस ग्रेड पे रु. 1900) के अनुसार वेतन मिलता है। इस वेतनमान में प्रारंभिक मूल वेतन रु. 19900  होगा। इस पद का अंतिम मूल वेतन रु. 63200 प्रति माह होगा जो 40वीं वेतन वृद्धि के बाद दिया जाता है | 

यूपी सहायक बोरिंग तकनीशियन वेतन 2022 (कुल और नकद) की जाँच करें
  • वेतनमान: यूपी पे मैट्रिक्स में लेवल 2 (5200-20200 ग्रेड पे 1900 रुपये)।
  • प्रारंभिक मूल वेतन: रु 19900
  • मूल वेतन के आधार पर सभी भत्तों को जोड़ने के बाद सहायक बोरिंग तकनीशियन का शुरुआती कुल वेतन (लगभग): रु 28100/- से रु. 32100/- प्रति माह
  • कटौती (मूल वेतन का 10% + डीए और अन्य कर): रु 2800
  • नकद सैलरी प्रति माह: रु 25300/- से रु. 29300 प्रति माह
UP Assistant Boring Technician Pay Scale
सभी भत्तों को जोड़ने के बाद शुरुआती कुल वेतन लगभग रु 28100-32100 होगा | महंगाई भत्ता हर छह महीने में बढ़ाया जाता है | एचआरए (@ 9-27%) क्षेत्र के वर्ग पर निर्भर करता है जहाँ उम्मीदवार की पोस्टिंग दी जाती है। उम्मीदवार को राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत कवर किया जाता है जिसमें उम्मीदवार के मूल वेतन का लगभग 10% हर महीने काट लिया जाता है। कटौती के बाद, हाथ में नकद वेतन लगभग रु 25300-29300 प्रति माह होगा ।

भत्तों में महंगाई भत्ता (डीए), हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) @ 9-27%, यात्रा भत्ता आदि शामिल हैं। सभी भत्तों की गणना मूल वेतन से की जाती है। मूल वेतन में हर साल वृद्धि की जाती है जिससे उम्मीदवार के कुल वेतन में वृद्धि होती है।